KABHI-KABHI MAIN YU SOCHA KARTA HU
कभी कभी मैं यु सोचा करता हु
जो न मिलते तुम मुझे, जो न चलते संग मेरे
तो जाने मेरा क्या होता
जो ना थामते हाथ मेरा, जो ना बोलते प्यार मुझे
जो ना खेलते प्यार से, जो ना देखते इकरार से
चलते ना जो हाथो में हाथ, ना देते हर पल मेरा साथ
ना याद किया करते मुझे, तन्हाई में रुसवाई में
ना दिल को धड़कना आता
ना दिल को धड़कना आता...